Ather Energy IPO 2025: ₹2,981 करोड़ के इश्यू से पहले जानें ये 10 बड़े जोखिम, निवेश से पहले समझदारी ज़रूरी

Ather Energy IPO 2025: ₹2,981 करोड़ के इश्यू से पहले जानें ये 10 बड़े जोखिम, निवेश से पहले समझदारी ज़रूरी

भारत की अग्रणी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी Ather Energy IPO लिमिटेड अपना आईपीओ लॉन्च करने जा रही है। 28 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक निवेशक इस पब्लिक इश्यू को सब्सक्राइब कर सकेंगे। यह वित्त वर्ष 2025-26 का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है, जिसका कुल साइज ₹2,981 करोड़ है।

इस आईपीओ में ₹2,626 करोड़ के फ्रेश इश्यू और प्रमोटर्स द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 1.1 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल हैं। शेयर की प्राइस बैंड ₹304 से ₹321 प्रति शेयर तय की गई है।

कंपनी इस इश्यू से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल महाराष्ट्र में नई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने और मौजूदा कर्ज को चुकाने में करेगी। अगर यह इश्यू ऊपरी प्राइस बैंड पर सब्सक्राइब होता है, तो कंपनी का वैल्यूएशन लगभग ₹11,956 करोड़ तक पहुंच जाएगा।

एथर एनर्जी आईपीओ का स्ट्रक्चर(Ather Energy IPO)

Ather Energy IPO 2025: ₹2,981 करोड़ के इश्यू से पहले जानें ये 10 बड़े जोखिम, निवेश से पहले समझदारी ज़रूरी
  • एंकर इन्वेस्टर्स के लिए अलॉटमेंट: 25 अप्रैल को
  • पब्लिक सब्सक्रिप्शन विंडो: 28 अप्रैल से 30 अप्रैल
  • शेयर लिस्टिंग की संभावित तारीख: 6 मई 2025
  • शेयर आरक्षण:
    • 75% योग्य संस्थागत निवेशकों (QIB) के लिए
    • 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए
    • 10% खुदरा निवेशकों (Retail Investors) के लिए

आईपीओ का प्रबंधन Axis Capital, JM Financial, Nomura और HSBC Securities जैसे बड़े फाइनेंशियल खिलाड़ियों द्वारा किया जा रहा है।

निवेश से पहले जानें ये 10 मुख्य जोखिम

अगर आप Ather Energy IPO में निवेश करने का मन बना रहे हैं, तो इन 10 जोखिमों पर जरूर ध्यान दें:

  1. सप्लायर्स पर निर्भरता
    कंपनी इन-हाउस बैटरियों के अलावा लगभग सभी अन्य कंपोनेंट्स के लिए बाहरी सप्लायर्स पर निर्भर करती है। ऐसे में किसी भी सप्लायर की विफलता या इनकार से प्रोडक्शन बाधित हो सकता है।
  2. लिथियम-आयन सेल्स की अस्थिरता
    यदि लिथियम-आयन सेल्स की उपलब्धता, कीमत या गुणवत्ता में बदलाव होता है, तो इसका सीधा असर कंपनी के ऑपरेशंस पर पड़ सकता है।
  3. चीन से आयात पर निर्भरता
    कंपनी कुछ महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के लिए चीन जैसे देशों से आयात पर निर्भर करती है। ऐसे में जियो-पॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड पॉलिसी या रेगुलेटरी बदलाव व्यापार पर असर डाल सकते हैं।
  4. बाजार हिस्सेदारी में स्थिरता
    भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में कंपनी की मार्केट शेयर 2024 में 10.7% से 11.5% के बीच रही, जो बहुत तेज़ ग्रोथ नहीं दिखाती।
  5. R&D में भारी निवेश का रिस्क
    कंपनी ने करीब ₹750 करोड़ सिर्फ रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के लिए रखे हैं। लेकिन इसका कोई गारंटी नहीं कि यह निवेश वांछित परिणाम देगा।
  6. दक्षिण भारत पर ज्यादा निर्भरता
    एथर एनर्जी की बिक्री का बड़ा हिस्सा दक्षिण भारत में केंद्रित है। किसी भी क्षेत्रीय संकट, प्राकृतिक आपदा या नियामकीय बदलाव से व्यवसाय पर असर पड़ सकता है।
  7. बढ़ती प्रतिस्पर्धा का दबाव
    Ola Electric, TVS iQube और Bajaj Chetak जैसी कंपनियों से मुकाबला है। ऐसे में प्राइस वॉर होने पर प्रॉफिट मार्जिन घट सकते हैं।
  8. प्रोडक्ट क्वालिटी का सवाल
    अगर एथर के वाहन अपेक्षित क्वालिटी नहीं दे पाए, तो उन्हें प्रोडक्ट रिकॉल या सुधारात्मक कदम उठाने पड़ सकते हैं।
  9. कम मैन्युफैक्चरिंग यूटिलाइजेशन
    कंपनी की होसुर फैक्ट्री में असेंबली यूटिलाइजेशन 39% और बैटरी पैक यूटिलाइजेशन 41% ही है, जिससे स्केलेबिलिटी और लागत में असर आ सकता है।
  10. लीडरशिप पर अत्यधिक निर्भरता
    कंपनी के सीईओ तरुण मेहता और अन्य सीनियर टीम के योगदान पर अत्यधिक निर्भरता है। उनके हटने से संचालन में दिक्कत आ सकती है।

एथर एनर्जी आईपीओ GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) अपडेट

Ather Energy IPO 2025: ₹2,981 करोड़ के इश्यू से पहले जानें ये 10 बड़े जोखिम, निवेश से पहले समझदारी ज़रूरी

Ather IPO GMP Today: ग्रे मार्केट में Ather Energy IPO शेयर ₹5 के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इसका मतलब लिस्टिंग के समय शेयर की कीमत ₹326 हो सकती है, जो कि ₹321 के इश्यू प्राइस से लगभग 1.56% अधिक है।

हालांकि, बीते कुछ दिनों में GMP में गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में GMP और भी घट सकता है। अब तक का न्यूनतम GMP ₹5 और अधिकतम ₹17 दर्ज किया गया है।

अंतिम राय: निवेश करें या नहीं?

Ather Energy IPO Review: Ather Energy IPO एक इनोवेटिव और हाई-ग्रोथ सेक्टर में काम कर रही है। लेकिन इसकी डिस्ट्रीब्यूशन कंसंट्रेशन, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, और इन्फ्रास्ट्रक्चर रिस्क को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अगर आप एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में संभावनाएं देखते हैं, तो सीमित निवेश पर विचार कर सकते हैं। वहीं, शॉर्ट टर्म में लिस्टिंग गेन चाहने वालों को ग्रे मार्केट ट्रेंड्स पर नज़र रखनी चाहिए।

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